जड़ चेतन के माली

 

 
जड़ चेतन के माली
हो - जड़ चेतन के माली ------------
तने करे पुतले त्यार तेरे से हाथा में ताली || टेर ||
चेतन का बीज माली, बोवण ने हो गया तैयार |
जळ के ऊपर रची सृस्ठी, क्यारी तो बनाई च्यार |
छोटे बड़े दरखत, और बिरछा की लगाईं लार |
न्यारे न्यारे सबके पत्ते, न्यारे न्यारे सबके मेल |
किसी के माय दूध भरया, किसी के माय भरया है तेल |
हजार किसम की माली तने, दुनिया में लगा दी बेल |
हो - ना कोई जगह खाली -----------------
ये करते भंवर गुंजार खिले फल फूल लता डाली || १ ||
दूसरी क्यारी में तने, ऐसा तो बोया है बीज |
विष की भरी सारी जड़े, जीतनी तो बनाई चीज |
बिच्छू, सर्प, बघेरा, माछर, भरड ततैया, जैया तीज |
चकवा चकवी बोल रहे, तोता मैंना नाचे मोर |
हरियल और कुबेर फैंसी, एक तरफ कर रहे थे शोर |
हरियल कुबरी तोता मैना, चन्दा पर झपटे चकोर |
हो - किसी छाई हरियाली -------------
तेरे गुलशन बाग़ बहार कूकती वहा कोयल काली || २ ||
तीसरी क्यारी में तने, छोड़ी नहीं रत्ती भूल |
जरख लोमड़ी, रीछ, भेड़िया पैदा किये सारदूल |
हाथी, शेर, बघेरा, बन्दर बड़े बड़े अस्थूल |
गधा, घोड़ा, ऊंट, खच्चर, सवारी का इंतजाम |
भेड़, बकरी, गऊ माता, स्वर्ग का बतावै धाम |
मरया पछे माली इनका, चमड़ा तक भी आवै काम |
हां - तू ऐसा टकसाली है --------------
तेरे भरे रहवे भण्डार कदे ना आवै कंगाली || ३ ||
चौथी तो क्यारी में तने , अपना दिखाया रूप |
कोई कोढ़ी, कोई कंगला, कोई तो बनाया भूप |
कोई कोई चातर करया, कोई करया बेवकूफ |
न्यारा न्यारा रंग रूप, न्यारी न्यारी रूह है |
जिधर देखू जड़ चेतन में, दिखे तू ही तू है |
जर्रे जर्रे अन्दर रमी, इश्वर तेरी बू है |
हो - तू सबका प्रतिपाली है ---------------
कह लिखमिचंद बन्या फिरे तू जग का रखवाली || ४ ||
जय श्री नाथजी की.........


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