तेरा बिरहन नैण उघाड़




तेरा बिरहन नैण उघाड़
तेरा बिरहन नैण उघाड़
एरी बावली ए गयो तो जमारो हार

भलाई म्हारी हेली हंस्लो बटाऊ एक लोग
रहेलो इक रैन पिया रो ए
यो तो प्रभात्या उड़ ज्याय
कुच कर ज्यावलो सवेरो ए

भलाई म्हारी हैली निरख बदनडा रा रूप
योवन तेरो भयो मतवालों रे
तू तो लियो कोनि राम को नाम
काम भोली किसडो संवारयो ए

भलाई म्हारी हेली धर नटवा रो भेष
कू नार घर बार बिगड्यो ए
तू तो ठग खायो संसार
मायला में बस रयो कालो ए

भलाई म्हारी हेली तरबिण्या लंघज्याय
मिलेगो तेरो प्रीतम प्यारो ए
तू तो सुमरण सेज संवार
ऐरी नार मत करिये नटारो ए

भलाई म्हारी हेली मिल गया नाथ गुलाब
मंदरिये म भयो उजियालो ए
गुण गावे गावे भानीनाथ
साध बण गयो मतवारो ए

जय श्री नाथ जी की

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