अमृत नाथ महान अमर है ।

अमृत नाथ महान अमर है ।
अमृत नाथ महान अमर है ।
जय जय जय बऊधाम अमर है ।।
स्वर्ग लोक से पावन भूमी जाण सके तो जाण
अमृत जोत अखंड जगत है सुगरा लेव पिछाण
अमर है........
सत संगत की बाता न्यारी नवानाथ लेई जाण
सतगुरुवां के आसीसां सँ बणी भेष की स्यान
अमर है.......
अधर सिहासन रति बसत है नाथ निरंजन नाम
ॐ शिव गोरक्ष ॐ शिव गोरक्ष गूंजे आठों याम
अमर है.........
त्रिवेणी म स्नान करो या करल्यो चारूं धाम
बऊ धाम के दरसन सेती होसी "मंगल" काम
अमर है जय जय जय बऊ धाम
बोल अमृत नाथ जी महाराज की जय
बोल नवां नाथ जी महाराज की जय
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