ॐ शिव ॐ शिव , ॐ शिव ॐ शिव रटता जा

 
नम: शिवाय भजता जा

ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव , ॐ शिव ॐ शिव रटता जा |
नम: शिवाय नम: शिवाय, नम: शिवाय भजता जा ||
शिव शंकर कैलाशपति है, अंग वभूति रमाते है |
जटाजूट में गंग बिराजै, गंगाधर को रटता जा || नम: शिवाय ||
भांग धतुरा भोग लागत है, गले सर्पो की माला रे |
नंदी की असवारी सोहे, नन्दीश्वर को रटता जा || नम: शिवाय ||

भष्मासुर को भष्म कराया, लीला अपरम्पार तेरी |
मोहिनी रूप धारयो विष्णु ने, लीलाधर को रटता जा || नम: शिवाय ||

गगन मंडल थारी महिमा गावै, गावै नर और नारी रे |
ऐसे दीनदयाल मेरे दाता, भूतनाथ को रटता जा || नम: शिवाय ||

ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव , ॐ शिव ॐ शिव रटता जा |

जय शंकर की....
जय श्री नाथजी की.....
बोल नाथ जी महाराज की जय हो

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3 comments:

  1. यह मेरा सबसे प्यारा शिव भजन है जिसे नाथ जी ने लिखा है . नमः शिवाय रटटा जा ॐ शिव . भजन के लिरिक्स बहुत ही सुन्दर तरीके से लिखे गये है .

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  2. JAI shree Nathji

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