दाग परे कर भाई मेरे दिल का भरम परे कर भाई

दाग परे कर भाई मेरे दिल का भरम परे कर भाई 
दाग परे कर भाई मेरे दिल का भरम परे कर भाई

पहली देव गणेश मनावा हिरदे म शारदा माई
निवण करा म्हारे गुरु पीरां न भुल्या न राह बताई

तीन गुणा की नाव बना कर बंदा समदर बिच तिराई
पांच केवटिया बसे काया म सतगुरु पार लगाई

  उठ सवारी बंदा झूठ मत बोले मत कर निंद्रा पराई
क्रूर कपटी संग पल्लो मत छुवे नुगरा स किस्योड़ी भलाई

  तन का कपड़ा मल मल धोले सुरतां की साबण लगाई
ज्ञान शिला पर मार फटकारो जद पकडे नरमाई
आई 
जवानी बंदा डगमग डौले आख्या अँधेरी तेर छाई
कहत कबीर सुणो भाई साधो गुरु मिल्या गम पाई
भाई जी
 जय श्री नाथ जी की
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