चल हंसा उस देश

चल हंसा उस देश

चल हंसा उस देश समद जहा मोती रे |
मोती समद जहा मोती समद जहा मोती रे ||

चल हंसा उस देश निराला, बिन शशि भान रहे उजियारा |
जहा लागे ना चोट काल की, जगामग ज्योति रे || चल हंसा ||

जब चलने की करी तैयारी, माया जाल फंस्या अतिभारी |
करले सोच विचार घड़ी दोय, होती रे || चल हंसा ||

चाल पड्या जद दुविधा छूटी, पिछली प्रीत कुटुंब से टूटी |
हंसा भरी उड़ान, हंसिनी रोती रे || चल हंसा ||

जाय किया समदर में बासा, फेर नहीं आवण की आशा |
गावै भानीनाथ, मोत सिर सोती रे || चल हंसा ||



जय श्री नाथजी की 
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