हँस हँस मिठा जग मे बोलानाए,


हँस हँस मिठा जग मे बोलानाए, 
हँस हँस मिठा जग मे बोलानाए,
जग में अमर रह्यो ना कोय
आम फलै नीचा निंव ए
या तो अरण्ड अकाशाँ जाय
बोदी सी बाड बिरान्ठ की ऐ,
बा तो बिन छेडया खिण्ड जाय

नुगराँ माणस की संगत ना करो ए,
ज्याँ से घटे तुम्हारो मान

सुगरा माणस की संगत थे करो ए ,
ज्यासे से बढे तुम्हारो मान

ओछी नाडुल्या जळ ना भरो ए,
के घट में भरियो सुखमण नीर

रानी रूपाँदे री बिनती ए ,
जाँरो सत अमरापुर बास

बोल नाथ जी महाराज की जय
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