सभा है भरी भगवन
सभा है भरी भगवन , भीर पड़ी, आवो तो आवो हरी,
किसविध देर करी || सभा है भरी ||
पति मोये हारी ये ना बिचारी, कैसे सभा में आवती नारी |
बाजी लगी थी भगवन कपट भरी, आवो तो आवो हरि, किसविध देर करी || सभा है भरी ||
हो दुष्ट दु:शासन वस्त्र बिलोचन, खेंच रह्यो मेरे बदन को वासन |
नग्न करण की मन मं करी, आवौ तो आवौ हरि, किसविध देर करी || सभा है भरी ||
भीष्म पितामह, द्रोण गुरू देवा, बैठे विदुरजी धर्म के खेवा |
सब की मति में भगवन्, धुळ पड़ी, आवौ तो आवौ हरि, किसविध देर करी || सभा है भरी ||
हाथ पसारो, लाज उबारो, सत्य कहूं प्रभु बेगा पधारो |
देवकीनंदन गावै, बणा बिगड़ी, आवौ तो आवौ हरि,किसविध देर करी || सभा है भरी ||
जय श्री नाथजी की
http://allmusicinoneplace.blogspot.in/
सभा है भरी भगवन , भीर पड़ी, आवो तो आवो हरी,
किसविध देर करी || सभा है भरी ||
पति मोये हारी ये ना बिचारी, कैसे सभा में आवती नारी |
बाजी लगी थी भगवन कपट भरी, आवो तो आवो हरि, किसविध देर करी || सभा है भरी ||
हो दुष्ट दु:शासन वस्त्र बिलोचन, खेंच रह्यो मेरे बदन को वासन |
नग्न करण की मन मं करी, आवौ तो आवौ हरि, किसविध देर करी || सभा है भरी ||
भीष्म पितामह, द्रोण गुरू देवा, बैठे विदुरजी धर्म के खेवा |
सब की मति में भगवन्, धुळ पड़ी, आवौ तो आवौ हरि, किसविध देर करी || सभा है भरी ||
हाथ पसारो, लाज उबारो, सत्य कहूं प्रभु बेगा पधारो |
देवकीनंदन गावै, बणा बिगड़ी, आवौ तो आवौ हरि,किसविध देर करी || सभा है भरी ||
जय श्री नाथजी की
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